Tuesday, August 28, 2012

आम बनाम बबूल

सपने हंसते हैं

सपने रोते हैं

सपने सच भी होते हैं

अक्सर उनके

जो सिर्फ

बबूल बोते हैं 

7 comments:

  1. दुष्कर्म का फ़ल जल्दी ही मिल जाता है।

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  2. कंटीली राहों का सफर.

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  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।

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  4. क्या बात कही आपंने सच ऐसा भी होता है

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  5. अफ़सोस कि ऐसा होता है

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