Wednesday, February 23, 2011

बच्चे

पहले मैं सपने बुनता हूं
फिर उन्हें गिनता हूं
ज्यादा लगने पर
उधेड़ता हूं
एक गोला सा बनाता हूं
और
इस तरह आजकल
बच्चों को मनाता हूं
रूठने पर उनके
दे कर नई गेंद.
19.06.1990

जूता, मोजा, छाता
बरसाती
रिमझिम-रिमझिम
बारिश आती
कापी, पुस्तक, कलम
औ' निब
नए साल पर दूनी फीस
बच्चों पर बस्ते हैं बीस
मम्मी-डैडी निकालें खीस
जुलाई की पहली तारीख
जा बेटा अंगरेजी सीख.
04.07.1991


Friday, February 18, 2011

लोकतंत्र

हाथ कंगन को आरसी क्‍या
पढ़े-लिखे को फारसी क्‍या
जो कंगन पाएगा
गंगा नहाएगा
वैतरणी पार कर जाएगा
फारसी पढ़ने वाला
तेल बेचने जाएगा.
16.04.1992


गर्दन सिर्फ नापिएगा
मुट्ठी ज्‍यादा जोर से
मत चांपिएगा
दम निकल जाएगा
बेचारा मर जाएगा
गुनाह
बेलज्‍जत हो जाएगा
नाप संभाल कर रखिएगा
अगले चुनाव में
हलाल के काम आएगा.
16.04.1992

Monday, February 14, 2011

जिंदगी

जिंदगी
जीना
हो गई
रोज
चढ़ते-उतरते
सारी देह
पसीना
हो गई। 
15.06.1986               

आंखों में आंखें
आंखों में तुम
इस चक्कर में
मैं
हो
गया
गुम।       
23.06.1991