Saturday, August 24, 2013
15 अगस्त को एक अखबार में ''जूदेव के निधन से शोक की लहर'' के साथ छपा- ''कांग्रेसियों ने शोक जताया'', जिसमें कांग्रेस नेताओं के नाम सहित लिखा है कि उन्होंने ''सांसद श्री बैस के निधन पर गहरा शोक जताया है।''
अगले दिन 16 अगस्त को अवकाश के कारण अखबार नहीं आया, इसके बाद के दिनों में इसका खंडन/भूल सुधार मेरे देखने में नहीं आया, यदि आपने देखा हो तो कृपया सूचित करें।
यदि भूल सुधार नहीं छपा है तो माना जा सकता है कि इससे सांसद श्री बैस, कांग्रेसी नेताओं और पाठकों को भी आपत्ति नहीं है, न ही अखबार ऐसी बात को कुछ खास मानते हैं, तब यह भी सोचना होगा कि अखबारों की भूमिका/उत्तरदायित्व, पाठकों/खुद अखबार की नजरों में अब क्या और कितनी गंभीर है।
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किसी भी पार्टी द्वारा इस प्रकार गलत नाम देकर शोक जताना, खासकर कांग्रेस जैसे राष्ट्रिय पार्टी से नीन्दनीय है भूल सुधारकर क्षमा लिखना न्याय संगत होता है और यह सबक भी है अन्य पार्टी के लिये
ReplyDeleteराष्ट्रिय पार्टी के सम्माननीय व्यक्तियों के बारे में स्वयं अखबार को इस प्रकार के खबर को छापने के पहले १०० बार सोचना चाहिए रही बात खबर की तो किसने किस उद्देश्य से दिया यह भी संदेह है तब ही तो खंडन नहीं छपा हाँ अखबार की भूमिका संदिग्ध होती है
ReplyDeleteलापरवाही की हद है!
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