पिछले दिनों
'कविता छत्तीसगढ़'
पुस्तक प्रकाशित हुई है.
वरिष्ठ साहित्यकार
श्री सतीश जायसवाल
द्वारा संपादित पुस्तक का प्राक्कथन
कवि-चित्रकार श्री विश्वरंजन
(इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक) ने
'कुछ जरूरी बात' शीर्षक से लिखा है.
पुस्तक में मेरी ये तीन कविताएं शामिल हैं-
'कविता छत्तीसगढ़'
पुस्तक प्रकाशित हुई है.
वरिष्ठ साहित्यकार
श्री सतीश जायसवाल
द्वारा संपादित पुस्तक का प्राक्कथन
कवि-चित्रकार श्री विश्वरंजन
(इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक) ने
'कुछ जरूरी बात' शीर्षक से लिखा है.
पुस्तक में मेरी ये तीन कविताएं शामिल हैं-
चांद डूब जाता है
नहीं
चांद पर बैठी
चरखा चलाती
बुढि़या की नहीं
खरगोश की बात कर रहा हूं
जो रोज चांद उगने पर
अपनी पिछली टांगों पर खड़ा
हो जाता है
सिपाही की तरह
मानों आज चांद को डूबने नहीं देगा
इस कोशिश में
वह मूंछे नचाता है
भयावह अंदाज में
होंठ सिकोड़ कर
पीले और नुकीले
दांत दिखाता है
लेकिन इन सब के बावजूद
नहीं छुपा पाता
आंखों में उभरा भय
धीरे-धीरे एक हाथ बढ़ता है
उसकी ओर
उठा लेता है उसे
पकड़ कर
लंबे कानों से
डाल देता है
सुनहरे तारों के पिंजरे में
और चांद डूब जाता है.
ध्रुव तारा भी
पढ़ते-पढ़ते
जब जाना
ध्रुव तारा भी
अटल नहीं
तब से
किसी एक जगह
जम जाना
टलता रहा.
चेहरा
जब इतना करीब हो
चेहरे से
कि
आंखों में बनने
लगें
आंखों के अक्स
तब कैसे हो
आपसे
मेरे चेहरे की
पहचान
अलग-अलग.
तीनों रचनाएँ भावपूर्ण , सुन्दर ......
ReplyDeleteएक नहीं तीनों रचनाएँ एक बढ़ कर एक आपकी सोंच को नमन , सुन्दर अभिव्यक्ति , शुभकामनायें
ReplyDeleteराहुल जी के दिए लिंक से यहाँ तक पहुंची ...
ReplyDeleteक्या संयोग था की मैंने भी ध्रुवतारे पर लिखा , मगर उसकी स्थिरता पर ...
एक अनूठी दृष्टि यह भी है चाँद और तारों पर ...
सुन्दर रचनाएँ !
अतिसुन्दर प्रस्तुति राजेश जी.आपके ब्लॉग पर आकर सुखद आभास हुआ.
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर आये इसके लिए बहुत बहुत आभार आपका.
कविताओं के प्रकाशन की बधाई.
ReplyDeleteतीनों रचनाएँ एक बढ़ कर एक
ReplyDeleteतीनों रचनाएँ एक बढ़ कर एक|
ReplyDeleteराम नवमी की हार्दिक शुभकामनायें|
ऐसा लगा बड़ी फुरसत है इन रचनाओं में।
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति , शुभकामनायें
ReplyDeleteतब कैसे हो
ReplyDeleteआपसे
मेरे चेहरे की
पहचान
अलग-अलग.
memorable and beautiful lines.
तब से
ReplyDeleteकिसी एक जगह
जम जाना
टलता रहा.
truth of life .
मानों आज चांद को डूबने नहीं देगा
ReplyDeleteचाँद का डूबना ऐसा भी अंदाज़ रखता होगा अच्छा लगा
कैसा अंदाज़ अलग डूबने डुबाने का
तेरा अंदाज़ जुदा प्यार जतलाने का