प्यार के गहनतम क्षणों में
तुम्हारे
और
मेरे बीच कुछ शब्द होते हैं
जो एक सेतु बनाते है
मुझे तुम तक
और
तुम्हे मुझ तक पहुँचाने केलिए
फिर सेतु विलीन हो जाता है
शब्द निरर्थक हो जाते है
और अगर हमारे बीच
कुछ शेष रहता है तो
तुम्हारा अर्थ ... ... ... केवल मै
मेरा अर्थ ... ... ... केवल तुम
यह रचना जरुरत ब्लाग के मेरे बालमित्र और सहपाठी श्री रमाकांत को समर्पित, जिनके आग्रह और हठ पर एक दूसरा पोस्ट अधूरा छोड़ कर यह श्रृंगार रस से लटपटाया यह पोस्ट प्रकाशित करना पड़ा.
तुम्हारे
और
मेरे बीच कुछ शब्द होते हैं
जो एक सेतु बनाते है
मुझे तुम तक
और
तुम्हे मुझ तक पहुँचाने केलिए
फिर सेतु विलीन हो जाता है
शब्द निरर्थक हो जाते है
और अगर हमारे बीच
कुछ शेष रहता है तो
तुम्हारा अर्थ ... ... ... केवल मै
मेरा अर्थ ... ... ... केवल तुम
यह रचना जरुरत ब्लाग के मेरे बालमित्र और सहपाठी श्री रमाकांत को समर्पित, जिनके आग्रह और हठ पर एक दूसरा पोस्ट अधूरा छोड़ कर यह श्रृंगार रस से लटपटाया यह पोस्ट प्रकाशित करना पड़ा.